लेखनी प्रतियोगिता -28-Feb-2023
निस्सार
निस्सार जब जीवन होने लगा
उसके जाने का एहसास अब
ना होने से दिल सबके तड़पने
लगे कैसे समझें वह मेरे हाल को
जिनकी बातों का पिटारा निस्सार
हो गया सोच रही हूं अब एक
निस्सार को खुद में खोज अब
अच्छा लगता है उस पल को
जिस पल में मैं निस्सार हो गई
जब हाथों में निस्सार का एहसास
हुआ, तब जाकर मुझे मेरे आज का
रंग नज़र आया।
राखी सरोज
नई दिल्ली
Renu
01-Mar-2023 05:23 PM
👍👍🌺
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RAKHI Saroj
01-Mar-2023 07:48 PM
Thank you
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Punam verma
01-Mar-2023 08:23 AM
Very nice
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RAKHI Saroj
01-Mar-2023 07:48 PM
Thank you
Reply
Abhinav ji
01-Mar-2023 07:42 AM
Very nice 👍
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RAKHI Saroj
01-Mar-2023 07:48 PM
Thank you
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